Moral stories in hindi for kids
Moral stories in hindi for kids
तो चलिए शुरू करते हैँ.
पुरुष अर्थ और भाग्य मैं सम्बन्ध
Moral stories in hindi |
एक बार सम्राट विक्रम आदित्य के पास एक बहुत ज्ञानी ज्योतिष आये ज़ब उन्होंने सम्राट विक्रम आदित्य का हाथ देखा तब बे बिलकुल ही अचंभित रह गए. सम्राट विक्रम आदित्य पराक्रमी होने के साथ साथ सम्बेदनसील इंसान भी थे. ज़ब उन्होंने ज्योतिष के माथे पर असमनजस बाली मनोदशा देखि तो उनको समझते हुए देरी ना लगी की कुछ ना कुछ गाड़ बढ़ है. विक्रम आदित्य ने कहा अगर आप बहारी संकेत से संतुस्ट ना हो तब मैं आपको अपना सीना चिर कर भी दिखा सकता हूं.
ज्योतिष ने बिस्मयता के साथ कहा मैं आपको समाज चूका हूं आप बहुत ही पराक्रमी और बलशाली है आप मैं अपने भाग्य को बदल देने की शक्ति है.
सिख- मित्रो कुछ लोग हमेसा अपने भाग्य के भरोसे बैठे रहते है. अगर कोई उनके लिए अच्छा भाग्य बता देता है तब वो हमेसा उसके भरोसे बैठे रहते है . लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होता आप अपनी मेहनत से भाग्य को भी बदल सकते हैँ.
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अकल भी जरुरी है.
एक बार दो इंजीनियर एक पाइप मैं से एक धागा निकलने की कोसिस कर रहे थे जो बहुत टेड़ा मेडा था. इंजीनियर के काफ़ी मेहनत करने के बाद भी. वो उस पाइप से धागे को नहीं निकल पा रहे थे.यह खेती करता हुआ किसान कुछ घंटो से देख रहा था. क्यूंकि उन इंजीनियर को उस पाइप से धागा निकलते हुए काफ़ी बक्त बीत चूका था. ज़ब शाम होने को आई तब उस किसान ने इंजीनियरो से कहा अगर आपसे धागा ना निकल रहा हो तब क्या मैं कोसिस करू. इंजीनियरो मे किसान का मज़ाक उड़ाते हुए कहा. हम इतने पड़े लिखें होने के बाद भी इतनी मेहनत करके इस टेड़े मेढे पाइप से धागे को नहीं निकल पर रहे हैँ तुम्हारे लिए यह काम तो बिलकुल असंभव जैसा है. लेकिन उन्होंने किसान के कहने पर एक बार किसान को कोसिस करने दी. किसान पड़ा लिखा नहीं था लेकिन वो और उसका दिमाग़ बहुत अच्छा था.उसने सबसे पहले एक चूहें को पकड़ा जो उस बक्त उसी जगह पर खेल रहा था. किसान ने चूहें की पूँछ मैं एक धागे को बांधकर उसने पाइप के मुँह पर छोड़ दिया.चूहा कुछ समय के बाद उस पाइप से बहार निकल आया. इस पर दोनों इंजीनियर बहुत ही सर्मिन्दा हुए. और मन ही मन एक सबक भी सिख चुके थे. जो था की पड़ने लिखने से इंसान चालक नहीं हो सकता.
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मानब ही सर्व श्रेष्ठ है
मित्रो एक बार कुछ दोस्त आपस मैं कुछ चर्चा कर रहे थे चर्चा का विषय था की इस संसार का सर्व श्रेस्ट प्राणी कौन है. उनमे से एक बोला की इस सृष्टि का सर्व श्रेष्ठ प्राणी किसान है. अगर किसान ना हो तब हम लोग भूखे मर जायँगे. किसान बहुत मेहनत करके हम लोगो को खाने के लिए अन्न प्रदान कराते हैँ. उनके बिना यह सृष्टि असंभव है. दूसरा मित्र बिच मैं ही बात काटते हुए बोला इस दुनिया का सर्व श्रेष्ठ प्राणी वैज्ञानिक है. वैज्ञानिक लोग हमको समय समय पर हमारे जीवन को आसान बनाने के लिए अविष्कार करते रहते हैँ. वैज्ञानिक इसके आलावा बहुत सी चीज़े करते है. वैज्ञानिक लोग कई बीमारियों की दवा भी बनाते है. पहले की कुछ ऐसी बीमारिया जो मनुष्य को मर कर ही दम लेती थी. आज के समय मैं उनका इलाज सम्भब है. विज्ञानं की मदद से हम बहुत से काम जो बहुत ही बड़े और जोखिम भरे होते हैँ उनको बहुत ही आसानी से कर सकते हैँ. यह सुनकर तीसरामित्र बोला वैज्ञानिक इस दुनिया के सर्व श्रेष्ठ प्राणी नहीं हो सकता है. वैज्ञानिक के अंदर दिल नहीं होता है. इस दुनिया का सर्व श्रेष्ठ प्राणी लेखक है जो निराशा मैं भी आसा की उम्मीद ला देता है. बिना आसा के जीवन असंभव है बिना आसा के मनुष्य कुछ पल भी नहीं जी सकता हैँ. कुछ समय तक बहस करने के बाद वे लोग आपस मैं लड़ने लगते हैँ. एक किसान वहाँ बैठा हुआ था. जो था तो एक किसान ही लेकिन बहुत समझदार था. इसके चलते वो उन तीनो लोगो की बातो को समाज गया. उन तीन मित्रो का झगड़ा सांत करते हुए कहा. इस दुनिया मैं सबसे श्रेष्ठ प्राणी भी है जो किसान के जैसी मेहनत, वैज्ञानिक के जैसी बुद्धि और लेखक के जैसा ह्रदय रखता हो. किसान ने मुस्कुराते हुए उनसे कहा यह तीनो चीज़े ज़ब किसी प्राणी मैं होती है तब हम उसे मानब कहते है. लेकिन ज़ब किसी प्राणी मैं इन तीनो चीज़ो मैं से कोई चीज कम या ख़तम हो जाती है या कोई चीज हद से ज्यादा बढ़ जाती है तब वो प्राणी मानब नहीं रह जाता है.दोस्तों आपको यह कहानी कैसी लगी हमें comment करके बताना हम आपके सारे comment पड़ते हैँ. और उनका reply भी देते हैँ.
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