Panchatantra stories in hindi

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मित्रो आज आप इस पोस्ट मैं बहुत सी ऐसी खइया जानने वाले हो जिनको पढ़कर आपका टाइम पास होने के साथ साथ अपनी जिंदगी के लिए बहुत सी ऐसी चीज़े जानोगे जो आपको आपके जीबन को जीने मैं बहुत मदद करेंगी.


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घमंडी पेड़ 


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एक  बार एक जंगल मैं दो पेड़ थे. जिनमे से एक आम का  था जबकि दूसरा पीपल का. आम का पेड़ अपने स्वाभाव से नर्म था.  जबकि पीपल का पेड़ अपने स्वाभाव से बहुत ही कठोर था. वो बे बजह किसी से बात भी नहीं करता था.

एक बार मधुमखीयों का एक झुण्ड उड़ते उड़ते उस जंगल मैं पहुँच गया. जंगल मैं वो किसी ऐसे पेड़ को देख रहे थे. जिस पर बे अपना घर बना सके. उनको काफ़ी देर तक घूमने के बाद वही जगह मिली जहाँ पीपल और आम के पेड़ लगे हुए थे. उन्होंने पीपल के पेड़ पर अपना घर बनाना पसंद किया लेकिन पीपल के पेड़ पर घर बनाने से पहले उन्होंने पीपल से पूछना सही समझा. लेकिन पीपल ने अपने स्वाभाव के अनुसार मधुमखीयों को अपने ऊपर किसी भी प्रकार का घर बनाने से मना कर दिया.


आम का पेड़ यह बात ध्यान से सुन रहा था. वो पहले से ही जानता था. की पीपल का पेड़ अपने ऊपर किसी का भी घर कभी भी नहीं बनाने देगा. क्युकी इससे पहले भी वो कई लोगो को अपने मैं घर बनाने से मना कर चूका था. मधुमखीयों को जाता देखकर आम के पेड़ ने  मधुमखीयों
को अपने ऊपर घर बनाने की आज्ञा दे दी. रानी मधुमखी ने सभी मधुमखीयों सहित आम के पेड़ को धन्यवाद किया और कुछ समय के बाद बे आम के पेड़ पर अपना घर बनाने मैं लग गयी. मधुमखीयों ने कुछ समय के बाद आम के पेड़ पर एक शानदार घर बनाया और बे उस पर रहने लगी. आम के पेड़ पर रहते रहते अब उनको काफ़ी समय हो गया था. अब उनकी संख्या भी पहले से कही ज्यादा हो गयी.

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कुछ समय के बाद एक दिन अचानक  कुछ इंसान उसी जगह पर आये जहाँ पीपल का पेड़ और आम का पेड़ पर मधुमखीयों का घर था. जिनको थोड़ी लकड़ी की जरुरत थी. वहा के सभी जानवर और  प्राणी चिंतित थे  की अब इंसान क्या करेंगे. वो लोग उस समय आये थे ज़ब सूरज ढलने ही बाला था. ढलते सूरज को देखकर वो लोग अपना बिस्तर लगाकर उन्ही पेड़ो के निचे सो गए. सुबह होते होते उन्होंने दिनों पेड़ी को काटने की योजना बना ली

लेकिन उन्हें थोड़ी छान-बिन करने के बाद पता चला की आम के पेड़ पर तो मधुमखीयों का घर है. अगर वो आम के पेड़ को काटते है. तब ना तो उसको पूरा काट पाएंगे. उल्टा वो एक और बहुत बड़ी मुसीबत मैं पड़ जायेंगे. इसीलिए उन्होंने आम के पेड़ को छोड़कर पीपल के पेड़ को काटना शुरू किया. ज़ब इंसान पीपल के पेड़ को काट रहे थे. तब मधुमखीया चाहती तो पीपल के पेड़ को बचा सकती थी. लेकिन मधुमखीयों को समय याद था ज़ब मधुमखीयों के कहने पर पीपल के पेड़ ने अपने ऊपर घर भी नहीं बनाने दिया था. कुछ समय के बाद आम का पेड़ बहुत बुरी तरीके से काटा जाने लगा. आम के पेड़ को कटता देखकर आम के पेड़ ने मधुमखीयों से आम के पेड़ की रक्षा करने के लिए कहा. मधुमखीयों ने इंसानों को काट काट कर वहा स्वागत भगा दिया उसके बाद पीपल का पेड़ बहुत सर्मिन्दा हुआ और उस दिन के बाद पीपल के पेड़ ने सभी जानवरो को अपने अंदर घर बनाने की आज्ञा दे दी. अब पीपल के पेड़ पर कोई भी अपना घर बना सकता था. आम और पीपल अब अच्छे मित्र बन गए थे.
शिक्षा- मित्रो हमारे साथ भी बहुत बार ऐसा होता है. ज़ब हम अपने से छोटे लोगो की सहायता यही सोचकर नहीं करते है. की इनका हमारी जिंदगी मैं क्या काम है. जबकि  हमें ऐसा नहीं करना चाहिए. क्युकी हमें किसी भी इंसान की जरुरत पड़ सकती है.
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लालची चूहा 

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Mitro एक बार एक चूहा था जिसका नाम मिक्की था. इस समय वो काफ़ी दिनों से परेशान था क्युकी उसे काफ़ी दिनों से कुछ खाने पीने को नहीं मिला था. उसकी हालत एक दम मरने जैसी हो गयी थी.
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एक दिन वी ऐसी ही खाने की तलाश कर रहा था. की अचानक उसे एक चावल का डिब्बा दिखा. जो पूरा ऊपर तक भरा हुआ था. मिक्की ने जैसे ही चावल का डिब्बा देखा. वो खुशी से भर गया. क्युकी जिस खाने की तलाश वो काफ़ी दिनों से कर रहा था. अब वो उसके पास था. अब वो उस चावल के डिब्बे मैं से जितने चाहे उतने चावल कहा सकता था  उसे कोई भी रोकने वाला नहीं था. मिक्की ने अब उसी डिब्बे मैं रहने का मन बना लिया अब वो उसी डिब्बे मैं रहने. डिब्बे के चावल मिक्की जैसे छोटे पेट के लिए थे तो बहुत लेकिन इतने नहीं की जिनसे वो अपनी सारी की सारी जिंदगी काट दे. मिक्की अब रोजाना उन चावल को खाने के साथ साथ उन पर सो भी जाता था. कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा. लेकिन एक दिन ऐसा आ गया. ज़ब उस डिब्बे के सारे के सारे चावल ख़तम हो गए और मिक्की को अब इस डिब्बे से बहार निकलकर दूसरे डिब्बे की तलाश करनी थी.


लेकिन उसके काफी उछल कूद करने के बाद भी बो उस डिब्बे से बहार नहीं निकल पा रहा था. क्युकी उस डिब्बे के सारे चावल ख़तम हो चुके थे. इसके चलते वो डिब्बे के सबसे निचले हिस्से मैं पहुंच गया. मिक्की उस डिब्बे से बहार नहीं निकल पाया और कुछ दिनी के बाद उसने उसी डिब्बे मैं दम तोड़ दिया.
शिक्षा - मित्रो कभी कभी ऐसा ही हमारे साथ भी होता है हम कभी कभी किसी चीज का लाभ बिना कुछ सोचे समझें लेते जाते है. और एक दिन ऐसा आ जाता है. ज़ब हम उसी मैं फस जाते है.
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सफलता की चावी 

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मित्रो वक समय की बात है ज़ब एक एक ऋषि के पास एक मनुष्य पंहुचा. जिसको शिकायत थी. की वो काफ़ी मेहनत करने के बाद भी अपने लक्ष्य पर नहीं पहुंच पा रहा. ऋषि मनुष्य की परेशानी को देखते ही. समझ गए और उस इंसान को कुछ समय तक वही रुकने को कहा. इंसान वही रुक गया.

अगले दिन ऋषि ने इंसान को एक कुत्ता दिया. इंसान  से लहै जाओ इस कुत्ते को थोड़ा बहार घुमा लाओ. मनुष्य ने ऐसा ही किया वो उस कुत्ते को वहा से बहार काफ़ी दूर तक घूमने ले गया.

ज़ब वो इंसान कुत्ते के साथ लोटा तब ऋषि ने देखा की. कुत्ता बहुत थका हुआ है वो बहुत गन्दा भी हो गया है.  जबकि इंसान अभी भी पूरी तरह से स्वस्थ है. वो अभी भी हस रहा है. ऋषि ने इंसान से इसका कारण पूछा इंसान ने हस्ते हुए बताया. यह कुत्ता रास्ते मैं इधर उधर भाग रहा था. यह रास्ते मैं दूसरे कुत्तो से भाग भाग कर लड़ भी रहा था. कबकी मैं सीधे चल रहा था. इसीलिए यह कुत्ता इतना थक गया. जबकि मैं अभी भी विल्कुल अच्छा हु.

ऋषि ने बताया की यही तुम्हारी असफलता का कारण है. तुम्हारी सफलता तुम्हारे पास ही है लेकिन तुम इधर उधर भागते रहते हो. जो तुम्हे सफल होने से रोकता है.

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